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जलापूर्ति योजनाएं भी स्वर्णरेखा और खरकई नदी पर निर्भर
वर्तमान हालात यह है कि कंपनी एरिया को अगर छोड़ दे तो जमशेदपुर के आस-पास के क्षेत्रों में गर्मी के दस्तक के साथ ही पेयजल संकट उत्पन्न हो जाता है. शहर के कंपनी एरिया साकची बिष्टुपुर और आसपास के इलाकों को जुस्को की जलापूर्ति योजना से पानी मिलता है. जुस्को यह पानी स्वर्णरेखा नदी से हासिल करती है. मानगो और मोहरदा जलापूर्ति योजना का इंटकवेल भी स्वर्णरेखा नदी में है. बागबेड़ा वृहद जलापूर्ति योजना का इंटकवेल दोमुहानी के निकट सपड़ा में है. यानी जलापूर्ति योजनाएं भी स्वर्णरेखा औ खरकई नदी के पानी पर ही निर्भर है. जुगसलाई जलापूर्ति योजना खरकई नदी से पानी उठाती है. इसलिए जब दोनों नदियां सूखती हैं तो जलापूर्ति योजनाओं के लिए पानी हासिल करना मुश्किल हो जाता है. यही वजह है कि गर्मी के दिनों में मानगो मोहरदा और जुगसलाई जलापूर्ति योजना में पानी की गुणवत्ता काफी खराब हो जाती है. इसे भी पढ़ें :चाकुलिया">https://lagatar.in/chakulia-children-of-anand-marg-school-launched-a-cleanliness-campaign-gave-the-message-of-cleanliness/">चाकुलिया: आनंद मार्ग स्कूल के बच्चों ने चलाया सफाई अभियान, दिया स्वच्छता का संदेश
उपायुक्त ने जाली लगाने का दिया था निर्देश
पिछले दिनों उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर स्वर्णरेखा नदी में गिरने वाले नालों के मुहाने पर तार की जाली लगाने का निर्देश नगर निकाय को दिया गया था. ताकि नदी में प्लास्टिक एवं कचरा नदी में ना जाए. यह कितना कारगर होगा यह देखना लाजमी होगा. समय-समय पर विभिन्न संगठनों द्वारा नदियों के जीणोद्धार के लिए अभियान चलाया जाता है. जमशेदपुर की लाइफ-लाइन कही जाने वाली स्वर्णरेखा एवं खरकई नदी के संरक्षण एवं संवर्दधन के लिए लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है ताकि इन नदियों के साथ जमशेदपुर को बचाया जा सके. इसे भी पढ़ें :आदित्यपुर">https://lagatar.in/adityapur-35-kilometer-roads-of-7-phases-of-industrial-area-will-be-repaired-with-rs-83-crore/">आदित्यपुर: औद्योगिक क्षेत्र के 7 फेजों की 35 किलोमीटर सड़कें 83 करोड़ रुपये से होगी दुरुस्त [wpse_comments_template]